Wednesday, October 5, 2022

Marriage Bio Data In WhatsApp

 

How to Create Marriage Bio Data In WhatsApp


Hello Friends in this post we share with you a Marriage Bio Data format, for WhatsApp / Text Message/ Telegram and another app in text format.

Through this Format, you can easily Make Your Marriage Biodata and share it with people.
just only copy and paste in your #WhatsApp or another app Like Email, Message, Telegram, etc.
after Copying and pasting, you can replace text with your details.   

(Special Gift for Fiance)


*॥ श्री गणेशाय नमः ॥*
           *Bio Data*
...................................................................
*Personal Details*
...................................................................
_Name : Ankit Kumar Vaishkyar_
_Age : 28 Year_
_Complexion : Fair_
_Height : 5 ft 5 inch_
_Weight : 60 Kg Approx._
_Language : Hindi, English_
_Nature : Soft_
_Hobbies       : Reading Books, Net surfing, Travelling etc._
_Eating habits : Pure Vegetarian_
_Drinking habits : No_
...................................................................
*Educational Details*
...................................................................
_Post Graduation Delhi University_
_Graduation (Delhi University)_
_12th (D A V School)_
_10th (D A V School)_
...................................................................
*Profession*
..................................................................
_Working : ABC Pvt. Ltd. Company_
_Annual Income : 4 to 5 lack_
_Family Income : 10 to 12 Lack_
...................................................................
*Family Details*
...................................................................
_Father’s Name : Sh. Aman Vaishkyar_
_Mother’s Name : Smt. Partibha Devi_
_Brother’s Name : Ajay Kumar_
_Sister Name : Ms Sanjana Gupta_
_Mother tongue : Magahi_
...................................................................
*Horoscope Details*
...................................................................
_Date of Birth : 06-Aug-1992_
_Place of Birth : Gaya_
_Time of Birth : 12:25 AM_
_Manglik Dosha : No_
_Any other Dosha : No_
_Native Place : Gaya_
_Religion : Hindu_
_Cast : Mahuri (Baniya)_
_Sub cast         : Vaishkyar_
...................................................................
*Communication  Details* 
...................................................................
_Current Address     : #356 Gol Bagh, Station Road, Gaya (Bihar)_
_Permanent Address    Same_
_Email ID      ankitXXX@gmail.com_
_Contact No.     : 98XX000012, 9500XX1120_
...................................................................
*Other  Details* 
...................................................................
_Details 1._
_Details 2._
_Details 3._

#GyanNiti


**********

Marriage Bio Data format for WhatsApp/Telegram/Messenger etc. 

WhatsApp Preview


Special Gift 

***

How to Make #Biodata in Mobile 

 


(Special Gift for Fiance)

Wednesday, August 18, 2021

Raksha Bandhan (रक्षा बंधन )

रक्षा बंधन  (Raksha Bandhan) 


जैसा की आप सभी जानते है, रक्षा बंधन भाई-बहन का त्योहार है । 
जिसमे बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है, भाई बहन को उपहार के साथ आशीष और वचन देता है ।
लेकिन आप मे से आधिकतर लोग इससे जुड़े धार्मिक महत्व के बार मे नहीं जानते होंगे । 
  • रक्षा बंधन का त्योहार कब ओर क्यों मनाया जाता है । 
  • रक्षा बंधन को किस-किस नाम से जाना जाता है । 
  • रक्षा बंधन का त्योहार कब से मनाया जा रहा है । 
  • देश के अलग अलग राज्यों मे इसके मनाए जाने की अनूठी व्यवस्था क्या है ?
  • इस दिन किस भगवान की पूजा की जाती है, ओर उसकी विधि क्या है ?
  • रक्षा बंधन के दिन नारियल पूजन का महत्व क्या है ?
इसी तरह के कई सवालों का जवाब लेकर मै सुमन सेठ आपका स्वागत करती हूँ, आज की इस विडिओ मे। 
हमारी लैटस्ट विडिओ का अपडेट पाने के लिए हमारा यूट्यूब चेनल 'OUR GREAT COUNTRY INDIA' जरूर subscribe kare. 

.......................

रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है : रक्षा + बंधन अर्थात  रक्षा करने का बंधन,
किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना । इस दिन बहने भाई के कलाई पर राखी बांध कर उसे अपने रक्षा के दायित्वो से जीवन भर के लिए बांध लेती है ।  

रक्षाबंधन का त्योहार  हिन्दुओ का एक प्रमुख त्योहार है । यह त्यौहार भाई- बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्यौहार है ,इस दिन बहने भाई के माथे पर टीका लगाकर रक्षा का बंधन बांधती है , जिसे राखी कहते है । यह त्योहार प्रतिवर्ष सावन -मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है जो भाई -बहन के प्यार को अत्यंत मजबूत बनाता है , इस दिन सभी परिवार एक हो जाते है और राखी उपहार और मिठाई देकर अपना प्यार सांझा करते है ।

विषय विस्तार-

भ्रात  प्रेम को प्रगाढ़ बनाता रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अनकहे स्नेह शपथ का परिचायक है । रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी का कोमल धागा बांधती है । यह धागा उनके बीच प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है । यही धागा भाई को प्रतिबंध करता है कि वह अपनी बहन की हर कठिनाइयों का समय रक्षा करेगा प्राचीन कथाओं के अनुसार एक बार 12 वर्षों तक देवासुर संग्राम होता रहा, जिसमें देवताओं की हार पर हार हो रही थी दुखी: और पराजित इंद्र गुरु बृहस्पति के पास गए वहां इंद्र पत्नी शचि भी थी इंद्र की व्यथा जानकर इंद्राणी ने कहा- कल श्रावण शुक्ल पूर्णिमा है , मैं विधान पूर्वक रक्षा सूत्र तैयार करूंगी, उसे आप स्वस्तिवाचन पूर्वक ब्राह्मणों से बंधवा लीजिएगा । आप अवश्य ही विजय होंगे । दूसरे दिन इंद्र ने इंद्राणी द्वारा बनाए गए रक्षा विधान का स्वस्तिवाचन पूर्वक बृहस्पति से रक्षाबंधन कराया । जिसके प्रभाव से इंद्र सहित देवताओं की विजय हुई । तभी से यह रक्षाबंधन पर्व ब्राह्मणों के माध्यम से मनाया जाने लगा । इस दिन बहने भी भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती है , और उनके सुखद जीवन की कामना करती है ।

रक्षाबधन के इस पावन पर्व को निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा विस्तार पूर्वक दर्शाया गया है

1. राखी का धार्मिक महत्व - रक्षाबंधन का पर्व प्रत्येक भारतीय घर में उल्लास पूर्वक मनाया जाता है।अमरनाथ की अति विख्यात धार्मिक यात्रा गुरु पूर्णिमा से प्रारंभ होकर रक्षाबंधन के दिन संपूर्ण होती है। कहते हैं इसी दिन यहां का हिमानी शिवलिंग भी अपने पूर्ण आकार को प्राप्त होता है। राखी का त्यौहार कब शुरू हुआ कोई नहीं जानता लेकिन इसके बारे में अनेकों कहानियां प्रचलित है । इतिहास में कृष्ण और द्रौपदी की कहानी प्रसिद्ध है। जिसमें युद्ध के दौरान श्री कृष्ण की उंगली घायल हो गई थी । श्री कृष्ण की घायल उंगली को द्रौपदी ने अपनी साड़ी में से एक टुकड़ा बांध दिया था । इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी  को किसी भी संकट में सहायता करने का वचन दिया था । इस प्रकार की अनेकों गाथाएं रक्षाबंधन के संदर्भ में प्रचलित है।    

2. महाराष्ट्र में नारियल पूजन - मुंबई में रक्षाबंधन पर्व को नारली नारियल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है । जल के देवता वरुण को प्रसन्न करने के लिए समुद्र को नारियल अर्पित किए जाते हैं । वरुण देव ही पूजा के मुख्य देवता होते हैं । नारियल की तीन आंखें होती हैं इस बारे में ऐसा विश्वास किया जाता है । कि ये भगवान शिव के त्रिनेत्रो के प्रतीक हैं , इसलिए इस पर्व पर नारियल या गोले के पूजन की विशेष धार्मिक महत्ता है । घर में बहने भाइयों को राखी बांधती है  और उसका पूजन करके मिठाई खिलाकर उनसे उपहार भी प्राप्त करती है । इसी दिन महाराष्ट्रीय में कृष्ण यजुर्वेदि शाखा की श्रावणी का भी विधान है । पुरुष किसी बड़े घर में विभिन्न मंत्रोच्चार के साथ भगवान का पूजन हवन करते हैं , फिर नए यगोपवित (जनेऊ) को प्रतिष्ठित अभिमंत्रित करके पहनते हैं।

3. बहनों की रक्षा का महोत्सव - रक्षाबंधन बहन और भाई के स्नेह  का त्यौहार है । पूरा दिन उल्लास व हर्षपूर्ण होता है। घरों की सफाई होती है ,तथा बहने सुबह स्नानादि के पश्चात अधीरता से अपने भाई की प्रतीक्षा करती है ,कि वह आए ताकि उन्हें राखी का पवित्र धागा बांधा जा सके । जब तक बहने भाई को राखी न बांधे तब तक बहने व्रत रखती है । राखी बांधने के बाद ही खाना खाती है । राखी बंधवा कर भाई अपनी बहनों को अनेक प्रकार की भेंट प्रदान करते हैं । विगत समय मैं यह त्योहार पति- पत्नी के आपसी प्रेम और स्त्री सौभाग्य रक्षा का प्रतीक था । रक्षाबंधन के दिन देश में कई स्थानों पर ब्राह्मण पुरोहित भी अपने यजमान की समृद्धि हेतु उन्हें रक्षा बांधते हैं , जिसकी उन्हें दक्षिणा भी मिलती है । रक्षा बांधते समय ब्राह्मण ये  मंत्र पढ़ता जाता है-

येन बद्धो बली राजा ,दानवेंद्रो महाबल:।

तेन त्वां प्रतिबद्धनामि,रक्षे ! मा चल ! मां चल !!   

               अर्थ जिस प्रकार के उद्देश्य पूर्ति हेतु दानव सम्राट महाबली रक्षा सूत्र से बांधा गया था (रक्षा सूत्र के प्रभाव से वह वामन भगवान को अपना सर्वस्व दान करते समय विचलित नहीं हुआ) उसी प्रकार हे रक्षा ! सूत्र आज मैं तुम्हें बांधता  हूं तू भी अपने उद्देश्य से विचलित ना हो , दृढ़ बना रहे ।

4. भारत के अन्य प्रांतों में रक्षाबंधन - रक्षाबंधन के अलावा ऐसे कई त्यौहार है , जो भारत के सभी प्रांतों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है । परंतु रक्षाबंधन का यह त्यौहार सिर्फ भाई-बहन तक ही सीमित नहीं है , और भी कई कारणों से यह  त्यौहार मनाया जाता है । रक्षाबंधन का यह पावन त्यौहार निम्नलिखित क्षेत्रों में इस प्रकार मनाया जाता है।   

(i).  गुजरात में रक्षाबंधन - गुजरात में इस त्यौहार को अनोखे तरीके से मनाया जाता है ।इस दिन रूई को पंचगव्य में भिगोकर उसे शिवलिंग के चारों और बांध देते हैं ।इस पूजा को पवित्रोपन्ना कहा जाता है, हालांकि वहां पर भी अपने भाई को राखी बांधी है और खुशी-खुशी रक्षाबंधन का यह पावन त्यौहार मनाते हैं।               

(ii). उत्तरी भारत में रक्षा बंधन - उत्तर भारत में रक्षाबंधन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है या फिर इसे कजरी नवमी भी कहा जाता है । इस दौरान खेत में गेहूं और अन्य अनाज बिछाया जाता है और अच्छी फसल की कामना से माता दुर्गा की पूजा की जाती है।

(iii). भारत के पश्चिमी घाट में रक्षाबंधन - समुद्री क्षेत्रों में इस दिन वर्षा के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है । इस दिन समुद्र के देव भगवान वरुण को श्रावण मास की पूर्णिमा को नारियल प्रदान किए जाते हैं , अर्थात समुद्र में नारियल फेंके जाते हैं । मछुआरे भी मछली पकड़ने की शुरुआत इसी दिन से करते हैं । समुद्र से हर प्रकार से इनकी रक्षा करते हैं। इसलिए इस राखी पूर्णिमा को वहां नारियल पूर्णिमा भी कहते है।

(iv). दक्षिण भारत में रक्षाबंधन - दक्षिण भारत में रक्षाबंधन को अबितत्तम कहा जाता है, क्योंकि इस दिन पवित्र धागे जनेऊ को बदला जाता है । इसे ऋषि तर्पण या श्रावणी भी कहते हैं । ग्रंथों में तो रक्षाबंधन को पुण्य प्रदायक पाप नाशक और विष तारक या विष नाशक भी माना जाता है जो कि बुरे कर्मों का नाश भी करता है ।

5. उपसंहार - भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित रक्षाबंधन का त्योहार पूरे हर्षपूर्ण से मनाया जाता है और भविष्य में मनाया जाएगा । लेकिन क्या आपको पता है कि इस त्योहार की शुरुआत सगे भाई बहनों ने नहीं की थी यह कब शुरू हुआ इसे लेकर कोई तारीख तो स्पष्ट नहीं है लेकिन माना जाता है कि इस पर्व की शुरुआत है सतयुग में हुई थी । इस त्यौहार से संबंधित कई कहानियां पुराणों में मौजूद है । यह त्यौहार भाई-बहन का ही नहीं बल्कि सबके लिए महत्वपूर्ण है । राखी का यह धागा रक्षा करने वाले हर उस व्यक्ति को बांधा जाता है ,जो हमारी रक्षा करते हैं चाहे वह हमारे सेना के जवान हो या हमारे माननीय मुख्यमंत्री या राष्ट्रपति इत्यादि । रक्षाबंधन हमें सिखाता है कि हमें सबसे मिल जुल कर प्रगाढ़ प्रेम बना कर रखना चाहिए ,जैसे भाई बहनों के बीच का प्रेम होता है यह त्यौहार हमारे संस्कृति की पहचान है ।

अतः हमें इस से सीख ले कर, एक डोर में बंधकर रहना चाहिए।

*****

https://youtu.be/PueAl-5cClA

आशा है आपको मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई होगी । इसी तरह की और रोचक जानकारी का अपडेट पाने के लिए  चेनल को सबस्क्राइब करना ना भूले । 

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धन्यबाद 

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~ सुमन सेठ  ~



Sunday, May 16, 2021

WordPress theme development - Introduction



1. What is WordPress?

- Big task

- Tool to manage content (CMS)

- 40% websites

- Free tool

 

2. Why WordPress,

- Open-source

- install,

- deploy,

- Development cost & time reduce

- 75 million website

- Flexibility

- For everyone

- Low setup cost

 

3. How WordPress?

- Database

- Server

- Theme

- Rewrite rules

- Functions

- Templates

 

4. Impact on your business, benefits

- Brand of business

- Identity in the local area

- Sell product online

- spread information online about business

 

5. Why Companies need this?

- Development cost & time reduce

- Client Happy

- Win Win-Win

- Maintenance efforts

 

6. What is a Theme?

- Design of your website

- How the website should work

- Services friendly

- Lightweight

 

7. What is a plugin?

- Additional function

- Reusable work

- save long codes writing

- improve productivity

 

8. What is the database?

- manage your data

- send data as need


Tuesday, December 29, 2020

Page Border in Excel - Steps use to apply a border to an Excel sheet | How to Apply Border In excel

 Step 1: Open Excel on your computer. you can use window + r for open run command and then write excel here for open MS-Excel and press ok


Step 2: Take a blank document 

Step 3: Now When You get a blank document click on page layout mode at the bottom right corner 


After that, you will get a layout like this 


Step 5: Now take the Rectangle tool to draw a simple rectangle 

Now simply Draw an icon of rectengle


Step 6: Set Page Layout to narrow


After that you can see simple arrow icon upon ruler just drag it to up




Step 7: Now you can drag rectangle to top left corner properly




Step 8: Now fit the all corners of rectangle to the page





Step 9: Now go to the format and set fill to no fill


Step 10: Now set shape outline go to More lines 

Step 11: Now in the format shpae set dash border



Step 12: Now go to files


Now go to print option and you can see border on page


Step 13: Now save the file At the location which you want



Last Output





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Monday, December 28, 2020

Different Between to dates in excel | MS-EXCEL Tutorials

 First Write your data if you don't have data then you can use any dummy data or copy from below


You can copy dummy text from here

Start   Date End Date Completed Years Completed Months Completed Days
01-01-2020 02-01-2022
02-01-2020 03-01-2023
03-01-2020 04-01-2028
06-08-1999 28-12-2020

Now in the cell of completed years write the formula =DATEDIF(B3,C3,"Y"). B3 Indicated the starting date and C3 indicated to end date. When you want to know diffrence about years then use "Y" If Months Then use "M" and if you want to check days then use "D"




Now you can drag it for all rows


Now moving to months =DATEDIF(B3,C3,"M")


Now Moving to days =DATEDIF(B3,C3,"D")





You can use this formula for checking bulk age at onece 

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